पूछताछ में अख्तर ने कई खुलासे किए हैं। उसने बताया कि वह जनवरी 2013 से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए प्रतिनियुक्ति पर है और पाकिस्तानी सेना की 40वीं बलूच रेजीमेंट का हवलदार है तथा रावलपिंडी के काहुटा गांव का रहने वाला है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ”चूंकि अख्तर वीजा विभाग में काम कर रहा था, इससे उसे ऐसे लोगों की पहचान करने में मदद मिल गई कि कौन लोग उसके लिए काम कर सकते हैं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, उन्हें बड़ी राशि देने का प्रलोभन दिया जाता था।’’
अधिकारी ने कहा कि हनी ट्रैप के कोण की भी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘शुरूआती जांच से यह खुलासा हुआ है कि बड़ी धनराशि देने का वायदा कर कुछ लड़कियों का शोषण किया जा रहा था और उन्हें मॉड्यूल में पुरुषों को लाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था । हम इस पहलू की जांच कर रहे हैं।’’