हालांकि उमा यह भी मानती हैं कि आवंटित राशि उठा ना पाने या खर्च ना कर पाने की वजह लापरवाही नहीं बल्कि तकनीकी दिक्क्तें हैं। उमा भारती ने कहा कि पहले से जो तमाम कार्ययोजनाएं राज्य सरकारें चला रही थीं अब उससे बिल्कुल अलग ढंग से काम हो रहा है। लिहाजा पुरानी योजनाएं बंद कर नए सिरे से योजनाएं बनाई जा रही हैं और उन पर अमल का तौर-तरीका भी नया है। इसलिए भी देरी हो रही है लेकिन हम समय से अपनी कार्ययोजना को पूरी कर लेंगे।
उमा भारती के मुताबिक 2018 तक गंगा सफाई के पहले चरण का काम पूरा हो जाएगा। ऐसे में जून 2017 के बाद गंगा साफ दिखने भी लगेगी। 2018 से दूसरे चरण का काम शुरू होना है, यह काम 2020 तक पूरा होगा।