दिल्ली: मोदी सरकार ने गैर-सरकारी संगठनों (NGO) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 20 हजार एनजीओ के विदेशी चंदा लाइसेंस को रद्द कर दिया हैं। मंगलवार को गृह मंत्रालय ने एफसीआरए लाइसेंस की रिव्यू मीटिंग बुलाई, जिसमें ये फैसला किया गया। सरकार की इस कार्रवाई के बाद अब सिर्फ 13 हजार एनजीओ कानूनी रूप से मान्य हैं।
मंत्रालय ने इस साल 50 प्रतिशत से ज्यादा गैर सरकारी संगठनों पर कार्रवाई करते हुए उनका एफसीआरए लाइसेंस रद्द किया है। 33 हजार में से पिछले 1 साल में गृह मंत्रालय ने 20000 एफसीआरए लाइसेंस रद्द किए गए हैं।
हालांकी सूत्रों का मानना है की एनजीओ के श्रेणीकरण से लाईसेंस की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने की कोशिश है। इसी के मद्देनजर लगभग 3000 संस्थाओं की लाइसेंस रिन्यू करने की ताजा अर्जी मिली है। इसके अलावा 2000 संस्थान है जो पहली बार फॉरेन फंडिंग के लाइसेंस के लिए कतार में लगे हैं। उन पर भी गृह मंत्रालय काम कर रहा है। यहीं नहीं कुछ ऐसी भी गैर सरकारी संस्थान हैं, जिन्होंने पहले से अर्जी लेकर फॉरेन फंडिंग लेने कि एप्लिकेशन गृह मंत्रालय में डाली है, इनकी संख्या 300 है। गृह मंत्रालय की कोशिश है कि इस पूरी प्रक्रिया को आसान बनाया जाए इसके साथ ही इसमें कोई चूक की गुंजाइश ना हो।