सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम की सिफारिशों के बावजूद उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति नहीं किए जाने पर शुक्रवार को नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार से कहा कि आप पूरे संस्थान (न्यायपालिका) को काम करने से पूरी तरह से नहीं रोक सकते। चीफ जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘अदालती कक्ष बंद हैं। क्या आप न्यायपालिका को बंद करना चाहते हैं?’
पीठ ने तल्ख लहजे में कहा, ‘आप पूरे संस्थान के काम को पूरी तरह ठप नहीं कर सकते। ‘मेमोरेंडम ऑफ प्रसीजर’(एमओपी) को अंतिम रूप नहीं दिए जाने के कारण नियुक्ति प्रक्रिया ठप नहीं हो सकती।’ कोर्ट ने जजों की नियुक्ति से जुड़ी फाइलों को आगे बढ़ाने की धीमी रफ्तार की आलोचना की और चेताया कि वह तथ्यात्मक स्थिति पता करने के लिए पीएमओ और विधि और न्याय मंत्रालय के सचिवों को तलब कर सकती है।
इस पीठ में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव भी शामिल थे। पीठ ने कहा, ‘कोई गतिरोध नहीं होना चाहिए। आपने एमओपी को अंतिम रूप दिए बगैर जजों की नियुक्ति के लिए फाइलें आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है। एमओपी को अंतिम रूप देने का न्यायपालिका में नियुक्ति प्रक्रिया के साथ कोई लेना देना नहीं है।’