नॉर्वे सरकार ने भारतीय मूल के मां-बाप से छीना बच्चा, पैरेन्ट्स के पक्ष में आगे आईं सुषमा स्वराज

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आर्यन के माता-पिता को बताया गया था कि बच्चे को मारे-पीटे जाने के शिकायतें उन्हें मिली थीं। इन आरोपों को लेकर गुरविंदरजीत कौर से कथित रूप से कई घंटे तक पूछताछ की गई, जिसके बाद उन्होंने विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से मदद की गुहार करते हुए लिखा। माता-पिता का कहना है कि फोस्टर केयर में आर्यन को ढंग का भोजन नहीं दिया जा रहा है।इस शिकायत के बाद सुषमा स्वराज पूरी तरह माता-पिता के समर्थन में सामने आईं।

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वर्ष 2011 के बाद से यह तीसरा मामला है जब भारतीय मूल के माता-पिता से नॉर्वे के अधिकारी उचित देखभाल नहीं किए जाने के आरोप में बच्चों को अपने साथ ले गए हैं। वर्ष 2011 में तीन साल के एक बच्चे और एक साल के एक बच्चे को उनके माता-पिता से अलग कर दिया गया था। तब तत्कालीन संप्रग सरकार ने मुद्दे को नॉर्वे के समक्ष उठाया था। नॉर्वे की अदालत ने बाद में बच्चों को फिर उनके माता..पिता को सौंपे जाने की अनुमति दे दी थी।

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दिसंबर 2012 में सात साल के एक बच्चे और दो साल के एक बच्चे के साथ दुर्व्‍यवहार के आरोप में एक भारतीय दंपति को जेल भेज दिया गया था। बाद में इन बच्चों को हैदराबाद में रहने वाले उनके दादा-दादी के पास भेज दिया गया था।

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नीचे वीडियो में देखिए – यूएन के मंच पर पाकिस्तान को अपने भाषण से आइना दिखाने वाली सुषमा स्वराज का वो यादगार भाषण, जो एतिहासिक बन गया।

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