पाक के अंदर उठी आवाज, हाफिज और मसूद पर कार्रवाई क्यों नहीं कर सकते?

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

संपादकीय में कहा गया है कि अल्मीडा की रिपोर्ट को तो काल्पनिक बता दिया गया पर सरकार और सेना की मंगलवार को हुई बैठक में यह नहीं बताया गया कि आखिर क्यों मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है? बता दें कि पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी मसूद अजहर और 26/11 मुंबई हमले का गुनहगार लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी हाफिज सईद पाकिस्तानी सेना के संरक्षण में खुलेआम घूम रहे हैं।

इसे भी पढ़िए :  दोषी नेताओं पर लगे आजीवन प्रतिबंध, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और चुनाव आयोग से मांगा जवाब

संपादकीय में सख्त लहजे में पूछा गया है कि आखिर सरकार की हिम्मत कैसे हुई एक पत्रकार के साथ अपराधी जैसा बर्ताव करने की और वे कौन होते हैं यह तय करने वाले कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय हित में क्या है और क्या नहीं? संपादकीय में कहा गया है कि अल्मीडा के साथ हम मजबूती से खड़े हैं, उनकी कलम को और ताकत मिले।

इसे भी पढ़िए :  स्टेशन मास्टर से लेकर कुली तक, सभी रेल कर्मचारी पहनेंगे रितू बेरी की डिजायनर ड्रेस, देखें तस्वीरें

वहीं डॉन अखबार ने भी अपने संपादकीय में कहा है कि वह अल्मीडा की खबर पर कायम है। अखबार ने गलत रिपोर्टिंग के सरकार के आरोपों को खारिज किया है।

इसे भी पढ़िए :  BJP ज्वाइन करने पर एन.डी.तिवारी के भतीजे की चुटकी, 'मानसिक हालत ठीक नहीं, पता नहीं चला होगा...'
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse