हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग अब पाकिस्तान के अंदर से ही उठने लगी है। पाकिस्तान के एक लोकप्रिय अखबार ने बुधवार को सरकार और सेना से पूछा कि आखिर जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करना, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘खतरा’ क्यों है?
खास बात यह है कि यह सख्त संपादकीय सेना और सरकार के करीबी माने जाने वाले ‘द नेशन’ अखबार में छपा है। यह संपादकीय ऐसे वक्त में लिखा गया है जब एक पत्रकार को निशाना बनाने को लेकर पाकिस्तानी सरकार और सेना सवालों के घेरे में हैं। सेना और सरकार के बीच तनातनी को लेकर खबर छापने वाले डॉन अखबार के पत्रकार साइरिल अल्मीडा के पाकिस्तान छोड़ने पर रोक लगा दी गई है। साइरिल ने अपनी खबर में बताया था कि किस तरह हक्कानी नेटवर्क, तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों के समर्थन को लेकर सेना और सरकार में अनबन चल रही है।
संपादकीय में कहा गया है, ‘सरकार और सेना, हाफिज सईद और मसूद अजहर पर कार्रवाई करने के बजाय प्रेस को लेक्चर दे रही हैं। यह परेशान करने वाली बात है कि सरकार और सेना के लोग मीडिया को बता रहे हैं कि उसे कैसे अपना काम करना है।’