नई दिल्ली। नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह पाकिस्तान के कश्मीर पर वार्ता के अनुरोध को स्वीकार कर लें। लंदन में मौजूद डॉ. अब्दुल्ला ने एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार को पाक के अनुरोध को गंभीरता से लेना चाहिए। इस क्षेत्र में हमेशा शांति बनी रहे, इसके लिए यह जरूरी है कि एक अर्थपूर्ण बातचीत दोनों देशों में हो।
उन्होंने अपने बयान में दोनों तरफ के कश्मीर के लोगों को भी शामिल करने के लिए भारत-पाकिस्तान से अपील की। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों के बिना कोई भी बातचीत संभव नहीं है। अब्दुल्ला ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे को राजनीतिक मुद्दा मानकर इसके स्थायी समाधान के लिए बातचीत शुरू करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब तक दोनों देश इस मुद्दे को लटकाते रहेंगे, इससे इस पूरे क्षेत्र में अशांति बनी रहेगी। कश्मीर के हालात पर चिंता जताते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि बल का प्रयोग करने से शांति स्थापित नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो भी हो रहा है, उसकी पूरा विश्व निंदा कर रहा है। इस तरह से हालात में सुधार नहीं हो सकता।
कश्मीर के ताजा हालात पर उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से हस्तक्षेप कर घाटी में मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सुरक्षाबलों को उकसाया है कि वे अवाम पर बल प्रयोग करें। इस पार्टी का मुख्य मकसद राज्य से धारा 370 को खत्म करना है।