नई दिल्ली। सरकार ने स्पष्ट किया है कि बैंकों में पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट जमा कराने पर किसी तरह की ‘कर माफी’ नहीं मिलेगी और इस तरह के धन के स्रोत पर कर कानून लागू होगा। सरकार के मुताबिक, यदि आप अघोषित आय की राशि जमा करते हैं, जो आपकी घोषित आय से यह राशि मेल नहीं खाती है तो आप को टैक्स के अतिरिक्त भी 200 प्रतिशत जुर्माना चुकाना होगा।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक बैंकों में जमा किए जाने वाली पूरी राशि की जानकारी हमारे पास होगी। उन्होंने कहा कि ‘कर विभाग जमा की जाने वाली राशि का मिलान संबंधित व्यक्ति की ओर से फाइल किए जाने वाले रिटर्न से करेगा। यदि यह राशि घोषित आय से अधिक पाई जाती है तो जरूरी कार्रवाई की जाएगी।’
अधिया ने कहा कि इसे टैक्स से बचने के तौर पर देखा जाएगा। ऐसी राशि पर इनकम टैक्स ऐक्ट की धारा 270 (A) के तहत कर अलावा 200 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे छोटो कारोबारियों, घरेलू महिलाओं, कलाकारों और कर्मचारियों को अपने उस कैश को लेकर चिंतित नहीं करना चाहिए, जिसे उन्होंने अपनी बचत के तौर पर जमा कर रखा है।
सरकार ने स्पष्ट किया कि 1.5 या 2 लाख रुपये की राशि के नोट लौटाने पर किसी तरह की टैक्स जांच नहीं होगी। ऐसी छोटी जमा राशियों वाले लोगों को आयकर विभाग की ओर से किसी भी कार्रवाई के प्रति घबराना नहीं चाहिए।
आपको बता दें कि 8 नवंबर की रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करार दिए जाने के बाद सरकार ने इन्हें जमा कराने के लिए 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक का वक्त दिया है। सरकार ने कालेधन, भ्रष्टाचार तथा जाली नोटों पर लगाम के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।