नई दिल्ली : कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद हो रहे प्रदर्शनों ने भारत-पाकिस्तान के बीच काफी तनाव खड़ा कर दिया है। रविवार को इस तनाव में तब और इजाफा हो गया जब जमात-ए-इस्लामी का भारत विरोधी मार्च वाघा सीमा के नजदीक तक पहुंच गया। जमात-ए-इस्लामी के चीफ सिराजुल हक के साथ इस मार्च में आतंकी हाफिज सईद और सलाउद्दीन भी मौजूद रहे। जमात-उद-दावा और आतंकी संगठ लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद ने कश्मीर में खड़े विवाद के मद्देनजर लगातार भारत पर निशाना साध रखा है। रविवार को शुरू हुई रैली को जमात ने ‘मार्च फॉर कश्मीर का नाम दिया है।’ भारत के खिलाफ शुरू किए गए इस मार्च में भारत की कश्मीर नीति पर निशाना साधने की कोशिश की जा रही है।

रविवार को यह मार्च वाघा बार्डर के नदजीक बाटापुर तक पहुंच चुका था। वाघा से बाटापुर की दूरी तकरीबन आठ किलोमीटर है। पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के इस मार्च में शामिल होने के मद्देनजर बीएसएफ ने अटारी इंटरनैशनल बॉर्डर और आसपास के गांवों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।
कश्मीर की ‘आजादी’ के लिए निकाले गए इस मार्च से पहले जमात-ए-इस्लामी के चीफ सिराजुव ने पाकिस्तान पीएन नवाज शरीफ पर भी निशाना साधा है। उसने नवाज शरीफ को अनिश्चितता खत्म कर या तो भारत के साथ खड़ा होने या कश्मीर मुद्दे पर कड़ा रुख अख्तियार करने को कहा है।