दिल्ली: रविवार को ब्रिक्स के वार्षिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी के दौरान भारत आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कवायद जारी रखते हुए इस पड़ोसी देश के खिलाफ अपना कूटनीतिक हमला तेज करेगा । इसके अलावा, आतंकवाद से निपटने के लिए एक समग्र वैश्विक प्रतिज्ञा के लिए समर्थन जुटाने सहित सहयोग बढ़ाने के भी प्रयास करेगा ।
पांच देशों के समूह ब्रिक्स के इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अलावा ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के नेता भी हिस्सा लेंगे । इस सम्मेलन में आतंकवाद के खतरे से मुकाबले और कारोबार एवं निवेश बढ़ाने जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स देशों के नेता ‘‘ऐसी अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने पर चर्चा करेंगे जो हमारे लक्ष्यों की राह में बाधा पैदा करते हैं ।’’ मोदी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं इस बात को लेकर आशावान हूं कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन ब्रिक्स के भीतर सहयोग को मजबूत करेगा और विकास, शांति, स्थिरता एवं सुधार को लेकर हमारा साझा एजेंडा पूरा करेगा ।’’ ब्रिक्स में शामिल पांचों देश दुनिया के 3.6 अरब लोगों यानी करीब आधी आबादी की नुमाइंदगी करते हैं और उनका कुल जीडीपी 16.6 खरब अमेरिकी डॉलर है ।