आतंकवाद से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए कॉम्प्रीहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म :सीसीआईटी: पर संयुक्त राष्ट्र में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए भारत ब्रिक्स देशों के बीच एकता की पुरजोर वकालत कर सकता है ।
सीसीआईटी की पहल भारत की ओर से की गई थी, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों के बीच आतंकवाद की परिभाषा को लेकर मतभेद के कारण यह फंसा पड़ा है ।
आतंकवाद से मुकाबले के मामले में ब्रिक्स देशों के बीच ज्यादा सहयोग पर भी भारत जोर दे सकता है।
ब्रिक्स सम्मेलन से पहले मोदी कल पुतिन एवं अन्य नेताओं के साथ आतंकवाद के मुद्दे को उठा सकते हैं । एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रूस में भारत के राजदूत पंकज सरन ने पाकिस्तान के साथ रूस के संयुक्त सैन्य अ5यास पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत को मॉस्को से अपेक्षा है कि वह हमारी चिंताओं पर गौर करेगा ।
पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों की ओर से उरी में हमला करने के कुछ ही सप्ताह बाद यह शिखर सम्मेलन हो रहा है । ऐसे में भारत इस सम्मेलन में अत्यंत जोरदार तरीके से अपनी बात रखेगा । इस शिखर सम्मेलन के दौरान बिम्सटेक विस्तारित बैठक भी होगी ताकि आतंकवादियों को पनाह एवं हथियार मुहैया करा रहे देशों के खिलाफ कार्रवाई समेत आतंकवाद से निपटने के प्रयासों को तेज किया जा सके ।