786 नंबर के नोट जमा करने वाले परेशान, नोटबंदी से फिरा मेहनत पर पानी, पढ़िए इनके दिलचस्प किस्से

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शौक बड़ी चीज है। सरकारी ठेकेदार सनसिटी निवासी नरेंद्र छिल्लर 2006 से 786 नंबर वाले 50, 100, 500 1000 के नोट जमा कर रहे हैं। अब 500 1000 के नोट बंद होने के बाद उन्हें बड़ा झटका लगा। शुभ मानते हुए 10 वर्ष में उन्होंने 786 नंबर वाले 500 1000 के 40 नोट जमा किए थे। जरूरत के समय भी उन्हें खर्च नहीं किया था, लेकिन मोदी सरकार के फैसले के बाद उनकी 10 वर्ष की मेहनत पर पानी फिर गया। नोटबंदी के बाद अब उन्होंने केवल 500 रुपए का एक नोट अपने पास रखकर बाकी सभी बैंक में जमा करवा दिए। उन्होंने कहा कि दुख तो बहुत हुआ, लेकिन अब 500 2000 रुपए के स्पेशल नंबर के नए नोट जमा करेंगे।

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फिलेटली एंड न्यूमिसमेटिक सोसायटी से जुड़े मैंबर के पास पिछले सालों में बंद हुए एक हजार और 500 रुपए के नोट हंै। इनमें 1978 में और इसके बाद बंद हुए 1000 और 500 रुपए के नोट भी शामिल है। सोसायटी के लकेश दंदोना ने बताया कि उनके पास 1978 में बंद हुआ एक हजार रुपए का कलेक्शन के लिए 150 रुपए में खरीदा था। सोसायटी से जुड़े श्रीनारायण चांडक ने बताया कि उस समय वाे मुंबई के अपोलो स्ट्रीट में शेयर बाजार का काम करते थे।
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