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हाईकोर्ट की धारवाड़ पीठ के न्यायमूर्ति कोठारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आदेश पारित किया। कोर्ट ने कहा कि यूबीएचएल के नियंत्रण में संपत्तियों को छोड़ा नहीं जा सकता। कानून के तहत बंद करने के लिए इसे अधिकृत लिक्विडेटर को सौंप दिया जाए।
कंपनी ने किंगफिशर के कर्ज के लिए कॉरपोरेट गारंटी दी थी। यूबीएचएल में माल्या की 52.34 फीसद हिस्सेदारी है। कोर्ट ने बातचीत के जरिये निपटारे की यूबीएचएल की अर्जियों का भी निपटारा कर दिया। जस्टिस कोठारी ने यूबीएचएल की ओर दाखिल आपसी बातचीत से मामले को निपटाने वाले सभी आवेदनों को खारिज कर दिया। इससे पहले सीबीआई कोर्ट ने पिछले माह 720 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में माल्या के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था।
वीडियो में देखें- ‘रंगीन मिजाज़’ माल्या के शाही ठाठ
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