वॉशिंगटन :रूस के प्रति कुछ ज्यादा ही दोस्ती दिखाने के लिए आलोचना झेल रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने व्यंग्यात्मक लहजे में टिप्पणी की है। ट्रंप ने मंगलवार को एक ट्वीट करके कहा कि वह न तो पुतिन को जानते हैं और न ही रूस से कोई समझौता है। ट्रंप ने ट्वीट में आगे लिखा कि ‘घृणा करने वाले पागलपन दिखा रहे हैं, जबकि ओबामा आतंकी नंबर 1 ईरान के साथ डील कर सकते हैं, इसपर कोई दिक्कत नहीं।’
हाल के दिनों में विपक्षी दलों ने इस बात को लेकर ट्रंप की आलोचना की है कि वह आतंकी संगठन आईएसआईएस के साथ लड़ाई में रूस और पुतिन के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। सेनेट फॉरेन रिलेशन कमिटी के सदस्य सेनेटर बेन कार्डिन ने ट्रंप पर आरोप लगाया है कि ट्रंप ने अमेरिका और पुतिन एवं उनके जानलेवा शासन की तुलना कर साफ कर दिया है कि उनका अमेरिकी अपवाद की नीतियों में भरोसा नहीं है।
I don’t know Putin, have no deals in Russia, and the haters are going crazy – yet Obama can make a deal with Iran, #1 in terror, no problem!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) February 7, 2017
अगले पेज पर पढ़िए – अमेरिका में ट्रंप की विदेश नीति का विरोध
बेन कार्डिन ने कहा कि, ‘इस तरह के वाहियात बयान इस बात का संकेत देते हैं कि इस वाइट हाउस की प्राथमिकता में अमेरिका नहीं बल्कि रूस फर्स्ट की नीति है।’ उन्होंने कहा, ‘यह हमारे सिद्धांतों, स्वतंत्रता और जीवन जीने के तरीके के लिए रोजाना अपने जीवन को खतरे में डालने वाले अमेरिकी लोगों, दिग्गजों, बहादुर सैनिकों और महिलाओं के लिए आपत्तिजनक है।’
बेन कार्डिन ने ट्रंप पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि, ‘पुतिन के शासनकाल में राजनीतिक विरोधियों और स्वतंत्र पत्रकारों पर हमले हुए, उन्हें जेल भेजा गया और उनकी हत्याएं हुईं। विश्व प्रसिद्ध पत्रकार अना पोलितकोव्सकाया की उनकी अपार्टमेंट में हत्या हुई।’
बेन ने कहा कि क्रेमलिन के पास ही पूर्व डेप्युटी पीएम और विपक्ष नेता बोरिस नेमसॉफ की गोली मारकर हत्या हुई। उन्होंने कहा कि, ‘एक सत्तावादी और हत्यारे शासन से हमारे देश की तुलना करना ट्रंप के लिए भी अपमानजनक और निंदनीय है। अमेरिका के सभी चुने हुए अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे राष्ट्रपति की खतरनाक बयानबाजी का विरोध करें।’
पिछले दिनों अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने ट्रंप को बताया था कि रूस ने डेमोक्रैटिक पार्टी के कंप्यूटर नेटवर्क को हैक कर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में हस्तक्षेप किया। हालांकि ट्रंप ने खुफिया एजेंसियों के इन दावों को खारिज कर दिया था।