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वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष सुनिल सिंह ने कहा, “आदित्यनाथ जी ने करीब 10 उम्मीदवारों की लिस्ट दी थी, लेकिन बीजेपी ने सिर्फ दो को ही टिकट दिया। हम और सहन नहीं कर सकते और इसलिए हमने खुद ही अपने उम्मीदवार बीजेपी के सामने उतार दिए हैं।” उन्होंने कहा, “2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान हमने गोरखपुर के वोटर्स को विश्वास दिलाया था कि आदित्यनाथ जी को वोट डालकर वह सांसद के साथ एक केंद्रिय मंत्री को भी चुनेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भाजपा ने उन्हें पिछले साल परिवर्तन यात्रा में भी अनदेखा कर दिया। यात्रा के पोस्टर्स और बैनर पर उनकी तस्वीर नहीं थी।”
यह पूछे जाने पर कि क्या वाहिनी ने उम्मीदवार उतारने से पहले आदित्यनाथ की सहमति ली थी, सिंह ने कहा, “बीजेपी ने उनपर कोई काला जादू कर दिया है। यूपी के हर जिले में हमारी यूनिट है और हमने कार्यकर्ताओं से बीजेपी के खिलाफ वोटिंग करने को कहा है।” योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिन्दू युवा वाहिनी एक गैर-राजनीतिक संस्था है। हालांकि उन्होंने यह जवाब नहीं दिया कि वाहिनी ने खुद से उम्मीदवार क्यों उतारे। शुक्रवार को जारी की गई सूचि में कुशीनगर जिले की खद्दा, कुशीनगर और पडरौना सीट व महाराजगंज जिले की पनियरा, फरेन्दा और सिस्वा सीट पर उम्मीदवार उतारे।
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