हरियाणा में जाटों ने आरक्षण आंदोलन का ऐलान कर दिया हैं। उन्होंने फैसला लिया कि इस आंदोलन की शुरूआत 29 जनवरी को होगी। जिससे हरियाण में सरर्गीम बढ़ती नजर रही हैं। सोनीपत में शुक्रवार को 35 खापों के नेता इसके समर्थन में आए। हिसार में 8 खापों ने बैठक कर आंदोलन में शामिल होने का ऐलान किया। खापों के प्रधानों ने कहा कि आरक्षण के लिए वे बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए हम हमेशा तैयार हैं। वहीं दूसरी और रोहतक में बेमियादी धरना शुरू कर दिया गया है। आंदोलनकारी पिछले जाट आंदोलन के केस वापस लेने और लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
आंदोलन से निपटने के लिए तमाम जिलों में प्रशासन सक्रिय हो गया है। हिसार में पैरामिलिट्री और हरियाणा पुलिस की पांच-पांच कंपनियां भेज दी गई हैं। हिसार में नैशनल हाइवे के किनारे और रेल ट्रैक के आसपास धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। रोहतक शहर में भी जगह-जगह नाकेबंदी कर दी गई है। बता दें, पिछले आंदोलन के दौरान रोहतक में काफी हिंसा हुई थी।
हरियाणा सरकार ने 29 तारीख से शुरू हो रहे जाट आंदोलन से निपटने के लिए एक साथ कई मोर्चों पर कसरत कर डाली है। एक ओर जहां सरकार ने अलग-अलग स्तरों पर चंडीगढ़ और रोहतक में खाप-पंचायतों के साथ बैठक का सिलसिला चलाया वहीं प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने पिछली दफा हुए आंदोलन के वक्त लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ का शिकार बने आठ संवेदनशील जिलों के प्रशासनों की तैयारी का अपडेट लेते हुए जरूरी निर्देश दिए।