नई दिल्ली। भाजपा ने शनिवार(10 सितंबर) को आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) की ओर से 50 लाख रूपए का चंदा दरअसल एक ‘‘रिश्वत’’ थी, ताकि उसकी ‘‘देश-विरोधी’’ गतिविधियों को ‘‘ढंका’’ जा सके।
कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछली संप्रग सरकार में रहे ‘‘निहित स्वार्थ’’ वाले तत्वों पर नाइक को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने 2012 में लोकसभा में तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी की ओर से दिए गए कथित जवाब दिखाते हुए यह आरोप लगाया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तिवारी ने कथित तौर पर अपने जवाब में नाइक के पीस टीवी को ऐसे 24 अवैध विदेशी चैनलों में से एक बताया था, जिनकी विषय-वस्तु भारत के सुरक्षा परिदृश्य के अनुकूल नहीं है।
प्रसाद ने कांग्रेस से सवाल किया कि 2011 में उसने आईआरएफ की ओर से दिया गया चंदा क्यों नहीं लौटाया, जब उसी की सरकार ने नाइक के टीवी चैनल के बाबत सुरक्षा चिंताएं जाहिर की थी।
मंत्री ने कांग्रेस के इस दावे पर भी संदेह जाहिर किया कि पैसे कुछ महीने बाद लौटा दिए गए थे। उन्होंने कहा कि एनजीओ ने पैसे वापस मिलने की बात से इनकार किया है।