आतंकियों के भागने के बाद अफसरों की टीम सेंट्रल जेल पहुंची थी। वहां बंद अन्य सिमी आतंकियों से अफसरों ने पूछताछ की। पूछताछ करने वालों में एटीएस और इंटेलिजेंस के अफसर शामिल थे। घटना की खबर मिलते ही दिल्ली की तिहाड़ जेल सहित सभी अहम स्थानों की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई। दिल्ली और मध्य प्रदेश के सभी बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों की निगरानी बढ़ा दी गई। पुलिसवालों को सादे कपड़ों में तैनात किया गया। मध्य प्रदेश में बड़े स्तर पर नाकाबंदी की गई और फरार आतंकियों की ताजा तस्वीरें सभी एजेंसियों को भेज दी गई। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी इस घटना के बाद अलर्ट घोषित कर दिया गया।
चार अधिकारी सस्पेंड
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह के मुताबिक, घटना के लिए जेल प्रशासन की लापरवाही जिम्मेदार हैं इसलिए 4 जेल कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। जिन लोगों को सस्पेंड किया गया है, उनमें जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर, जेलर विवेक परस्ते, जेलर आलोक वाजपेयी और मुख्य प्रहरी आनंदीलाल शामिल हैं। डीजी जेल ने कहा है कि 24 घंटे में मामले की जांच रिपोर्ट आ आएगी। आतंकियों पर 5-5 लाख रुपए के इनाम का ऐलान किया गया था।
राजनीति शुरू
इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए अंदरूनी मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ‘ आरएसएस और कट्टरपंथी मुस्लिम विचारधारा के लोग मिलकर दंगे फसाद कराते हैं। जिस प्रकार से सिमी के लोग जेल तोड़ कर भाग रहे हैं, यह जांच का विषय है कि कहीं इसमें मिलीभगत तो नहीं हैं।’ उन्होंने कहा कि आरएसएस और कट्टरपंथी मुस्लिम विचारधारा के लोग मिल कर दंगे-फसाद कराते हैं।