सुनंदा पुष्कर मौत मामला : हाई कोर्ट ने जांच में देरी को लेकर दिल्ली पुलिस को जमकर फटकारा

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दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की 2014 में हुई मौत की जांच में देरी को लेकर दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की 2014 में हुई मौत की जांच में देरी को लेकर दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई है। अदालत ने कहा, “हम जानना चाहते है कि तीन सालों में क्या हुआ?” न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह घटना जनवरी 2014 में हुई और अभी तक पुलिस से कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। पीठ ने कहा, “हम जानना चाहते है कि आप कहां तक पहुंचे? आपने चीजों को पेचीदा बना दिया है। हमारे लिए यह दूसरे मामलों की तरह ही है।

दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि जांच में देरी नहीं हुई है और तकनीकी जांच उनके हाथों में नहीं है। मामले की जांच में कुछ एजेंसियों के साथ-साथ एम्स भी शामिल है और इस वजह से थोड़ा समय लग रहा है। पुलिस की तरफ से पीठ के समक्ष पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने कहा, “मामला वैज्ञानिक जांच पर निर्भर है। एम्स में नमूने तीन बार भेजे गए। अधिकारी लैब रिपोर्ट के लिए अमेरिका भी गए। जांच पूरी होने के करीब है।”

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न्यायालय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने पुष्कर मौत मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अगुवाई में विभिन्न विशेषज्ञों की विशेष जांच टीम से न्यायालय की निगरानी में कराने का अनुरोध किया है। सुनवाई के दौरान स्वामी ने न्यायालय से कहा कि यदि जांच एजेंसियां इस नतीजे पर पहुंचती है कि मौत जहर के कारण हुई तो फिर यह मायने नहीं रह जाता कि जहर किस तरह का था। उन्होंने पीठ से कहा कि वह एसआईटी जांच की निगरानी करे, क्योंकि जहर का पता लगाने का पुलिस का फैसला मामले में ‘जानबूझकर देरी की रणनीति’ मालूम पड़ती है।

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हालांकि न्यायालय ने कहा, “हम जांच की निगरानी नहीं कर रहे। हम बस जानना चाहते है कि आप (पुलिस) कहां तक पहुंचे।” न्यायालय ने पुलिस से कहा कि दो सप्ताह बाद मामले की जांच की प्रगति पर एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे और मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तिथि निर्धारित की। स्वामी ने मामले की निर्धारित समय में जांच की मांग करते हुए कहा कि इसमें ‘बहुत प्रभावी लोग शामिल है और ऐसे में उन्हें बचाने की कोशिश हो सकती है। साथ ही मामले में पहले ही बहुत अनावश्यक देरी हो चुकी है।’ भाजपा नेता ने दावा किया कि मौत से कुछ दिन पहले ही पुष्कर ने एक भ्रष्टाचार मामले का पर्दाफाश करने के लिए संवाददाता सम्मेलन बुलाया था।

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आपको बता दें कि, सुनंदा पुष्कर (52) दिल्ली के एक होटल के कमरे में 17 जनवरी, 2014 को मृत पाई गई थी।

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Source: ndtv india