रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) इस तरह के बैंक अकाउंट की पहचान करेगा और फिर वे जांच के दायरे में आएंगे। आरबीआई इस तरह के बैंक अकाउंट के बारे में आईटी डिपार्टमेंट को सूचित करेगा और डिपार्टमेंट संदिग्ध ट्रांजैक्शन को लेकर उनकी जांच करेगा। आरबीआई ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे इस तरह के अकाउंट के बारे में उसे जानकारी दें। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि आरबीआई की मंशा है कि नोटबंदी के बाद कोई भी बैंकिंग सिस्टेम का दुरुपयोग कालेधन को खपाने में ना कर सके।
आरबीआई ने सभी बैंकों को लेटर लिखा है और उनसे कुछ खास ब्रांचों के अकाउंट्स की जानकारी मांगी है। इनमें खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों के ब्रांच शामिल हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि 8 नवंबर को लागू किए गए नोटबंदी के फैसले के बाद यहां पर कैश डिपॉजिट्स की तादाद में काफी बढ़ोतरी हो गई है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘अब आरबीआई ने जो जानकारियां मांगी हैं, उन्हें जमा करना काफी मुश्किल भरा है। बहुत से ऐसे अकाउंट्स हैं जिनमें पैसे जमा कराए गए हैं या निकाले गए हैं और दो लाख रुपये के बैलेंस वाले अकाउंट्स की जानकारी जमा करना काफी दिक्कत भरा काम होगा।’ आरबीआई ने इससे पहले बैंकों को जो लेटर लिखा था, उसमें निर्देश दिया गया था कि कैश निकासी या जमा कराने के मामले में जहां कहीं भी आशंका हो, बैंक उन विभिन्न ब्रांचों में अंदरूनी ऑडिट करें।