नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गैर-सरकारी संगठनों (NGO) पर कड़ी कार्रवाई करते हुए विदेशी चंदा नियमन क़ानून के तहत 20 हज़ार लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। मंगलवार को गृह मंत्रालय ने एफसीआरए लाइसेंस की रिव्यू मीटिंग बुलाई, जिसमें ये फ़ैसला किया गया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई।
दरअसल, मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय सिस्टम को अधिक पारदर्शी बनाना चाहते है। मंत्रालय ने इस साल 50 प्रतिशत से ज़्यादा NGO पर कार्रवाई करते हुए उनका FCRA लाइसेंस रद्द किया है। 33 हज़ार में से पिछले 1 साल में गृह मंत्रालय ने 20000 FCRA लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।
हालांकी NGO के श्रेणीकरण से लाइसेंस की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने की कोशिश की जा रही है। इसी के मद्देनज़र लगभग 3000 संस्थाओं की लाइसेंस रिन्यू करने की ताज़ा अर्ज़ी मिली है। इसके अलावा 2000 संस्थान है जो पहली बार फॉरेन फंडिंग के लाइसेंस के लिए कतार में लगे हुए हैं। यहीं नहीं कुछ ऐसी भी ग़ैर सरकारी संस्थान हैं, जिन्होंने पहले से अर्ज़ी लेकर फॉरेन फंडिंग लेने कि एप्लिकेशन गृह मंत्रालय में डाली है, इनकी संख्या 300 है। गृह मंत्रालय की कोशिश है कि पूरी प्रक्रिया को आसान बनाया जाए।