नई दिल्ली : क्या आप जानते हैं कि मौसम विभाग के कई अनुमान गलत क्यों होते हैं ? हम बताते हैं। देश में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस साल मौसम विभाग की ओर से जारी डेटा भी मौसम का सही अनुमान लगाने में असफल रहा। एक रिपोर्ट की माने तो भारतीय मौसम विज्ञान के 25 फीसदी उपकरण ठीक से काम नहीं कर रहे हैं जबकि मौसम विज्ञान इन उपकरणों के रखरखाव के लिए हर साल बिना केंद्रीय अनुमति के एक करोड़ रूपये खर्च किये जाते हैं। बावजूद इसके मशीनें ठीक नहीं कराई जाती।
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भारतीय मौसम विज्ञान के इन उपकरणों में खराबी के कारण ही बारिश का सही अनुमान लगाने में मौसम विभाग असफल है। जलवायु अनुसन्धान के लिए इन उपकरणों का सही होना बेहद आवश्यक है। भारतीय मौसम विज्ञान के 550 से 1200 सेक्शन ऐसे हैं जिन पर ऑनलाइन नजर रखी जा सकती है। उत्तरप्रदेश में 8 में से 6 मौसम विभाग के स्टेशन ऐसे मिले हैं जो बारिश या समुद्र के स्तर का डाटा जारी करने असफल है। जबकि बिहार में कई ऐसे स्टेशन मिले जिनमे मौसम की बदलती स्थिति को जानने वाले सेंसर काम नहीं कर रहे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान के डायरेक्टर जनरल केजे रमेश जिन्होंने अगस्त में अपना पदभार सम्भाला, उनका कहना है कि हम इन उपकरणों को ठीक करने के प्रयास कर रहे है। जाहिर है कि कुछ तो करप्शन और कुछ लापरवाही के चलते मौसम का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा पा रहा है।
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