हालांकि रिपोर्ट के अनुसार 2008 के मुंबई हमले जैसे एक और हमले की स्थिति से निपट पाना भारत के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगा। ‘काउन्टर टेररिज्म पिटफाल्स’ के अनुसार तालिबान को बातचीत के लिए राजी करना तथा भारत विरोधी संगठनों को नियंत्रण में रखने के लिए पाकिस्तान को प्रोत्साहित करना यूएस के लिए प्रमुख चुनौती है। इसके लिए अमेरिका को चीन के सहयोग की भी जरुरत पड़ेगी।
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान का जेहादी समस्या खुद उसकी ही है और यह अपनी पकड़ काफी गहरे तक जमा चुकी है। ऐसे अफगान तालिबान नेता जेल में बंद हैं या गायब हैं , जो बिना पाकिस्तान की अनुमति के यूएस या अफगानिस्तानी सरकार से बात करते हैं। यह दर्शाता है कि सेना कितनी कठोर नीति अपना सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत के साथ रणनीतिक संबंधों के बारे में फिर से विचार करके ही लश्कर और जैश को कमजोर किया जा सकता है।