आयकर विभाग ने 9 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच 3300 करोड़ रुपये जब्त किए। यह सिर्फ पुराने नोटों के रुप में नहीं बल्कि नए नोटों के रुप में 92 करोड़ रुपये बरामद हुए। अब सरकार पर यह सवाल उठता है कि जिसेक पास नए नोटों के रुप में इतनी करेंसी बरामद हो रहे है, वो कहा से आ रहे है। इतना ही नहीं इस
जहां एक तरफ कालेधन का भाड़ा फोड़ हो रहा है वहीं नोटबंदी के चलते जुर्म की संख्या भी घट गई है। 9 से 29 दिसंबर के बीच 469 नक्सलियों ने पुलिस के सामने अपने आप को समर्पण कर दिया। जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों में भी काफी कमी देखने को मिली।
जहां एकतरफ नोटबंदी के फायदे हुए है, वहीं दूसरी और इसके काफी नुकसान भी हुए है। जिसका सबसे ज्यादा हरजाना आम जनता को झेलना पड़ा। किसी ने अपने घर का व्यक्ति खोया तो कोई अपना शादी का कार्ड लेकर बैंको की लाइन में लगकर अपने नंबर का इंतजार करने के लिए मजबूर रहा। अब देखना यह होगा कि 50 दिन की अवधि के आज खत्म होने के बाद सरकार पर इसका क्या असर होगा। वो अब जनता को क्या जवाब देंगे।