नोटबंदी की घोषणा के बाद बैंकिंग सिस्टम में नए नोट आते रहने के बावजूद एटीएमों के बाहर लोगों की लाइनें छोटी नहीं हो रही हैं क्योंकि कुछ भ्रष्ट बैंक मैनेजर और अधिकारी काले धन को सफेद करने में जुटे हैं। अब तक दर्ज हुए मामलों पर गौर करने और कई सर्विंग और रिटायर्ड बैंकरों से बात कर उन 7 करतूतों की एक सूची तैयार हुई है जिनके जरिए कुछ बैंकर व्यवस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। आगे देखिए, इन बैंकरों ने ब्लैक मनी वालों का साथ देने के लिए कैसे-कैसे हथकंडे अपनाए…
1 – सही कस्टमर की पहचान चुराना
8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद से ईमानदार खाताधारक पुराने नोट बदलवाने के लिए बैंकों के बाहर कतार में खड़े हैं। लेकिन, उन्हें नहीं पता है कि पैन कार्ड और पहचान पत्र के जो दूसरे दस्तावेज वह बैंकों को दे रहे हैं, उनका गलत इस्तेमाल हो रहा है। जांचकर्ताओं को पता चला है कि कुछ बैंकरों ने ग्राहकों से चोरी-छिपे उनके पहचान पत्रों का इस्तेमाल अवैध लेनदेन में किया है।
कैसे किया?
भ्रष्ट बैंकरों ने कस्टमर्स को एक बार पैसे देकर उनके आईडी डीटेल्स ले लिए, लेकिन जब वही कस्टमर्स दुबारा उसी ब्रांच में गए तो उन्हें नए नोट नहीं होने का हवाला देकर लौटा दिया। बैंकरों ने इन कस्टमर्स को पैसे देने के बजाय नए नोटों का अवैध लेनदेन किया।
उदाहरण
सीबीआई ने बेंगलुरु के इंदिरानगर स्थित कर्नाटक बैंक के चीफ मैनेजर सूर्यनारायण बेरी को इसी तरह के फर्जीवाड़े में पकड़ा।
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