कश्मीर में हो रही हिंसा और तनाव पर एक्टर अबरार जहूर ने निराशा जताते हुए अपना दर्द जाहिर किया है। ‘नीरजा’ मूवी में काम कर चुके जहूर ने लिखा कि कश्मीर जल रहा है ऐसे में भारत के लोग चुप कैसे रह सकते हैं। अंग्रेजी वेबसाइट the quint पर उन्होंने लिखा, ‘कश्मीर में जो कूछ मैं देख रहा हूं उस पर अपनी भावनाओं को शब्दों में कैसे लिखूं। भारत का नागरिक होने के नाते जब वे मेरे देश के खिलाफ कुछ कहते हैं तो मेरा दिल दुखता है। लेकिन हर रोज मासूम लोगों को मरते देखना भी पीड़ा दायक है। मंगलवार को नौ साल के एक बच्चेल को गोली मार दी गई, इस पर कहा गया कि उसके हाथ में पत्थार था। क्या इंसानियत बची है? इस तरह से कोई कैसे किसी को मार सकता है।”
उन्होंने लिखा कि जब एक सीआरपीएफ जवान को उन्हों ने हैलो कहा तो वह चौंक गया। स्थिति के बारे में जब उससे पूछा तो उसने कहा, ‘हम भी दुखी, पब्लिक भी दुखी और खुदा भी दुखी।’ इसके बाद वह सिर झुकाकर चला गया। जहूर ने कश्मीर की हालत को बयां करते हुए लिखा कि भारत के सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक कश्मीर अब कब्रिस्तान बन गया है। सब जगह धुंआ नजर आ रहा है। हर घंटे लोग मर रहे हैं। वहां केवल गोलियों की आवाज सुनाई देती है। उन्होंने इस मुद्दे पर व्याप्त चुप्पी पर सवाल खड़े करते हुए पूछा, ‘मेरा भारत कहां है? मेरा साथ कौन देगा? जनता को मारे जाने पर मेरा भारत आवाज क्यों नहीं उठा रहा? क्या आवाज उठाने से पहले मैं मेरे परिवार के किसी व्यक्ति के मारे जाने का इंतजार करूं?’
अबरार जहूर ने लिखा कि एक आतंकी को मारे जाने से पांच नए आतंकियों के पैदा होने में मदद कर रहे हैं। जो आतंकी मरा है उसके भाई या दोस्ते बंदूक उठा सकते हैं। जहूर ने लिखा, ‘कश्मीर देश का अखंड हिस्सा है। यह हमारी जमीन है। प्रत्येतक भारतीय को इसके मामलों में दखल देनी चाहिए और जवाब मांगना चाहिए। जब भी मैं कश्मीर के वर्तमान हालात देखता हूं तो खुद से पूछता हूं क्या गलत हो गया? वे यह क्यों नहीं पूछते कि यह किसकी गलती है? वे यह क्यों नहीं पूछते कि लाखों लोग सड़कों पर प्रदर्शन करने क्यों उतर रहे हैं? क्या सभी लोग गलत है? फिर सही कौन है?’
जहूर ने कश्मीर में चल रहे हालात को खत्म करने की मांग करते हुए कहा, ‘इंसानियत के लिए हम सबको खड़ा होना होगा। जो लोग हमारी सुरक्षा को हैं उन्हें गोली मारने का अधिकार दिया गया है। यह कैसी सुरक्षा है।’ कश्मीर मामले पर मीडिया कवरेज पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारा मीडिया कहां है? इन दिनों अखबारों में हमारी हैडलाइंस क्या हैं? कश्मीर में होने के नाते मैं इन हैडलाइंस पर हंसता हूं। भारतीय अधिकारियों को ड्यूटी करते हुए मारे जाने पर मेरा दिल रोता है। कुल मिलाकर यह इंसानियत की हार है।’