कश्मीर में महिलाओं ने पाकिस्तानी झंडों के साथ निकाली रैली, लगाए भारत विरोधी नारे

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श्रीनगर। अलगववादियों द्वारा आहूत बंद और प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से श्रीनगर सहित समूची घाटी में मंगलावर को 25वें दिन भी आम जनजीवन प्रभावित रहा। उधर, श्रीनगर और घाटी के कई हिस्सों में महिलाओं ने मंगलावर नागरिक हत्याओँ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। अलगाववादियों ने आज (मंगलवार) महिलाओं से उनके संबंधित क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिला के बुनगाम इलाके में सैंकडों महिलाएं सडक़ों पर उतर आई और कश्मीर में नागरिक हत्याओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सुरक्षाबलों ने उनको खदेडने के लिए आंसू गेस का इस्तेमाल किया। पुलवामा जिला के पांपोर कस्बे में भी महिलाओं ने विरोध रैली निकाली ।

इस बीच बडगाम, कुलगाम, पुलवामा, अनंतनाग, शोपियां और श्रीनगर में प्रदर्शनकारियों ने रात के दौरान नागरिक हत्याओं के खिलाफ सडक़ों पर मार्च निकालकर प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शनों में कोई अंत नही दिख रहा है जबकि श्रीनगर के तृतीयक देखभाल अस्पतालों में घायलों की संख्या बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले तीन दिनों के दौरान 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को विभिन्न अस्पतालों में उपचार किया गया है।

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उधर, कश्मीर घाटी में अलगाववादियों द्वारा हड़ताल में छूट दिए जाने से सोमवार शाम सामान्य जनजीवन पटरी पर लौटता दिखाई दिया लेकिन मंगलवार को कुछ हिस्सों में बंद और कर्फ्यू जारी रहने के बाद हालात फिर पहले जैसे हो गए। घाटी के शेष भागों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बंदिशें लागू हैं।

सोमवार शाम को अलगाववादियों ने आंदोलन के कार्यक्रम में ढील की घोषणा की ताकि लोग जरूरी सामान खरीद सकें। इस घोषणा के बाद सोमवार को शाम के समय कई दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान खुले।  हालांकि अलगाववादियों के बंद के आह्वान के बाद मंगलवार को बाजार बंद रहे और सार्वजनिक वाहन सडक़ों पर नजर नहीं आए।

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पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शहर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों नौहाटा, खान्यार, रैनावाड़ी, सफाकदल, बटमालू और महाराजगंज , अनंतनाग शहर, कोकेरनाग और बारामुला जिले के खानपुरा में कफ्र्यू लगा रहा। पूरे कश्मीर में चार या इससे ज्यादा लोगों के एक स्थान पर इकट्ठा होने पर प्रतिबंध बना रहा।

अलगाववादी समूह विरोध प्रदर्शनों में नागरिकों के मारे जाने के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। ये विरोध प्रदर्शन आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद किए जा रहे थे।

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नौ जुलाई को कश्मीर घाटी में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, इसके बाद प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़पें हुईं और 55 लोग मारे गए। इस दौरान 5600 से ज्यादा लोग घायल हो गए। पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गईं जबकि सभी नेटवर्क की पोस्टपेड मोबाइल टेलीफोन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। प्रीपेड कनेक्शनों पर फोन आने की सुविधा बहाल कर दी गई है लेकिन इन नंबरों से कॉल की नहीं जा सकती। अलगाववादी समूह ने शुक्रवार को हजरतबल दरगाह तक मार्च का आह्वान करते हुए कश्मीर में बंद की अवधि को पांच अगस्त तक बढ़ा दिया है।