मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के माणा गांव में एक दलित को बेटी की बारात का स्वागत बैंड-बाजे से करना भारी साबित हुआ। गांव के दंबगों ने इसका विरोध किया था। लेकिन उसने इस फैसले को मानने से मना कर दिया है और धूमधाम से बेटी की शादी की। ये सब पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में हुआ। दबंगों पर आरोप है कि बात नहीं मानने पर बदला लेने के लिए दलितों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कुंए के पानी में केरोसिन ऑयल (मिट्टी का तेल) मिला दिया। यह घटना मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 200 किलोमीटर दूर स्थित गांव में घटित हुई। केरोसिन के कारण कुंए का पानी पीने लायक नहीं बचा है। आखिरकार जब गांव में रहने वाले दर्जनों दलित परिवार..चिलचिलाती गर्मी में पानी की बूंद-बूंद को तरस गए। तब जाकर प्रशासन ने पंप का इस्तेमाल कर दूषित पानी को बाहर निकाला।
45 वर्षीय मेघवाल ने बाताया कि मैंने बहिष्कार की चेतावनी के बावजूद बेटी की शादी में बैंड पार्टी को बुलाया था। इस गांव के दंबगो ने चेतावनी दी थी अगर बैंडबाजे का इस्तेमाल किया गया तो उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। गांव की परपंरा के मुताबिक इस गांव में दलितों को बारात का स्वागत करने के लिए सिर्फ ‘ढोल’ की अनुमति है। इसके बाद मेघवाल ने इसकी शिकायत पुलिस और प्रशासन से की। जिसके बाद पुलिस सुरक्षा में उनकी बेटी की शादी पूरे रीति-रिवाज से बैंडबाजे के साथ संपन्न हुई। जिसका बदला लेने के लिए दलितों के कुंए के पानी में दंबगो ने केरोसिन डाल दिया।
सूचना मिलने पर एसपी आर.एस.मीना और जिलाधिकारी डी.वी.सिंह ने गांव का दौरा किया है और कुएं का पानी पीने के बाद ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि यह पीने लायक है। जिलाधिकारी ने दलितों के लिए बोरवेल की घोषणा की ताकि उन्हें आगे ऐसी किसी दिक्कत का सामना ना करना पड़े। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।