एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी को नौकरी के नाम पर नाकामी मिल रही है, लक्ष्मी ने रविवार को एक कार्यक्रम में एसिड पीड़ितो का दर्द साझा करते हूए कहा कि तेजाबी हमलों से प्रभावितों के लिए रोजगार प्रमुख समस्या है क्योंकि लोग उन्हें नौकरी देने से हिचकते हैं। ‘स्टॉप एसिड अटैक’ अभियान का संचालन कर रहीं लक्ष्मी ने कहा कि अधिकतर तेजाब पीड़ित महिलाएं होती हैं जिनकी जिंदगी वाकई में मुश्किल हो जाती है। ऐसे मामलों में पीड़ित महिलाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि कोई भी उन्हें नौकरी देना नहीं चाहता और चूंकि ऐसे पीड़ितों में अधिकतर लड़कियां होती हैं, वे अपने परिवारों की आर्थिक मदद नहीं कर पातीं तो वे बोझ से अधिक कुछ नहीं रह जातीं’।
लक्ष्मी ने बताया कि किस तरह से जब उन्होंने नौकरी के लिए आवेदन किया तो कौशल विकास के कई पाठ्यक्रमों की डिग्री होने के बावजूद उन्हें मुश्किल का सामना करना पड़ा क्योंकि सबका जवाब होता था कि तेजाब से झुलसे चेहरे को देख लोग डर जाएंगे। तब उन्होंने कॉल सेंटर में काम करने का इरादा किया क्योंकि वहां ग्राहक को चेहरा नहीं दिखता है, लेकिन लक्ष्मी को वहां भी नाकामी हाथ लगी। उन्हें कहा गया कि उनका चेहरा देख सहकर्मी डर जाएंगे। लक्ष्मी और उनके पति आलोक ने ‘स्टॉप एसिड अटैक’ अभियान के तहत ‘शीरोज कैफे’ शुरू किया है जिसमें तेजाबी हमले के पीड़ितों को रोजगार दिया जाता है।
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