पीएम मोदी के इस प्लान को लगा है बड़ा झटका? मेक इन इंडिया का ये प्रोडक्ट हुआ फेल

0
मेक इन इंडिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान को तगड़ा झटका लगा है। भारतीय सेना के जवानों के लिए बनाई स्वदेशी 7.62 x 51 mm असॉल्ट राइफल्स को आर्मी ने रिजेक्ट कर दिया। असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल एके-47 और इंसास राइफल्स की जगह पर किया जाना था, जो कि जवानों द्वारा सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली राइफल है। ऑर्डिनेंस फैक्टरी (OFB) में तैयार की जा रही असॉल्ट राइफल पिछले हफ्ते बेसिक टेस्ट में फेल हो गई। एनडीटीवी ने सेना में मौजूद अपने सूत्रों के हवालों से बताया कि स्वेदशी असॉल्ट राइफल में फायरिंग के समय ज्यादा झटका देने, तेज फ्लैश और आवाज समेत कई दिक्कतें हैं, जो कि लड़ाई में इस्तेमाल के लिए ठीक नहीं है।

इसे भी पढ़िए :  देश भर में तीन लाख कंपनियां हुईं बंद, चार लाख और कंपनियों को मिला नोटिस

एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से कहा, “असॉल्ट राइफल को लोड करने में आसान बनाने के लिए मैगजीन को पूरी तरह से रिडिजाइन करने की की जरुरत है। इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से भी इसमें कई खामियां हैं। असॉल्ट राइफल को दूसरी बार सेना की ओर से रिजेक्ट किया गया है। पिछले साल भी सेना ने स्वदेशी राइफल एक्स-कैलिबर को रिजेक्ट कर दिया था। जानकारी के मुताबिक 5.56 mm एक्स-कैलिबर सेना की फायरपावर आवश्यकताओं पर खरी नहीं उतरी थी। एक्स-कैलिबर राइफल को 5.56 एमएम इंसास राइफल के संभावित प्रतिस्थापन के रूप में माना जा रहा था। वर्तमान में जवानों द्वारा एके-47 और इंसास या फिर इंडियन स्मॉल आर्म्स सिस्टम राइफल्स उपयोग की जाती है। यह हथियार 1988 से सेना में शामिल है। सरकार इन पुरानी राइफल्स को हाई कैलिबर की खतरनाक असॉल्ट राइफल्स से इस साल रिप्लेस करना चाहती थी। खास तौर पर बॉर्डर और आतंकवाद विरोधी आपरेशनों में इनका यूज करना चाहती थी।

इसे भी पढ़िए :  देश में सभी धर्म के नागरिकों के लिए होगा समान कानून!

पीएम मोदी के मेक इन इंडिया अभियान को धार देने के लिए सरकार ने रक्षा क्षेत्र में नई नीति का ऐलान किया था। जिसके तहत भारतीय कंपनियां विदेशी साझेदारों के साथ मिलकर देश में हथियारों, फाइटर जेट और सबमरीन निर्माण को मंजूरी दी थी। बता दें भारत दुनिया में हथियारों का सबसे बड़ा आयातक देश है। भारत अपने 70 प्रतिशत हथियारों की आपूर्ति विदेशों से करता है।

इसे भी पढ़िए :  मेक इन इंडिया और मेड इन चाइना एक साथ एक मंच पर आए: चीनी मीडिया

सरकार फौजों के आधुनिकीकरण को लेकर काफी गंभीर दिखाई दे रही है। हाल ही में अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने F-16 विमान बनाने के लिए भारतीय कंपनी टाटा समूह के साथ समझौता किया। समझौते के तहत दोनों कंपनियां भारत में F-16 विमान का निर्माण करेंगी। टाटा व लॉकहीड मार्टिन के इस समझौते को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए बड़ा समर्थन बताया जा रहा है।