टीवी एंकर अरनब गोस्वामी देश की पत्रकारिता को बदलना चाहते हैं। साथ ही पत्रकारिता का केंद्र को दिल्ली से बाहर ले जाने की प्लानिंग भी कर रहे हैं। गोवा में भाजपा नेता राम माधव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल के इंडिया फाउंडेशन की ओर से आयोजित कॉनक्लेव में अरनब ने कहा कि वे पत्रकारिता का केंद्र दिल्ली से बाहर ले जाने की इच्छा रखते हैं। टाइम्स नाऊ के पूर्व एंकर ने कहा कि वे पत्रकारिता की स्थिति से इतने दुखी हो गए थे 2003 में इस पेशे को छोड़ना चाहते थे। उन्होंने साफ किया कि उनके प्लान का दक्षिणपंथी राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। लव जिहाद जैसे मुद्दों पर वे उनसे सवाल करेंगे। अरनब ने कहा कि विरोध की प्रक्रिया के दौरान पैसे की ताकत का एकाधिकार खत्म किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पैसा आपको संपत्ति दे सकता है लेकिन खबर को रखने की ताकत नहीं देता।
अरनब ने पिछले दिनों टाइम्स नाऊ से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस फैसले ने लोगों को चकित कर दिया था। उस समय उन्होंने कहा था कि आने वाला वक्त इंडिपेंडेंट मीडिया का होगा। इसके बाद से उनके नए कदम को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। अरनब गोस्वामी ने देश के इंटरनेट यूजर्स का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में 46 करोड़ इंटरनेट यूजर हैं। विरोध की नई लहर अंगुलियों को नई ताकत देगी। उन्होंने कहा, ”हम सबसे बड़े विरोधी मत के किनारे पर हैं। इसे खुली बांहों के साथ स्वीकार कीजिए। हम वैश्विक टीवी को नई परिभाषा देंगे। हमारा विरोधी स्वर केवल भारत तक सीमित नहीं रहेगा।” अपने शो में शामिल होने वाले लोगों पर चिल्लाने के आरोपों पर अरनब ने कहा कि विरोध की प्रत्येक आवाज बुलंद और अखबार में आठ कॉलम की खबर होनी चाहिए।