मोदी सरकार में ‘अटल युग’ का अंत! राष्ट्रधर्म की मान्यता रद्द

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पत्र में बताया गया है कि अक्टूबर 2016 के बाद से निम्न पत्रिकाओं की कॉपी पीआईबी और डीएवीपी के ऑफिस में जमा नहीं कराया गया है, यह पहली बार है कि राष्ट्रधर्म पर इस प्रकार की कोई मुसीबत आई है।

इसे भी पढ़िए :  किसानों का कर्ज माफ करें प्रधानमंत्री: राहुल गांधी

राष्ट्रधर्म पत्रिका की ओर से जारी बयान में इस कार्रवाई को पूरी तरह से अनुचित बताया गया है. राष्ट्रधर्म के प्रबंधक पवन पुत्र बादल के अनुसार अभी उनके पास इस बात की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह गलत है।उन्होंने बताया कि आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी सरकार ने हमारे कार्यालय को सील करवा दिया था, उस समय भी पत्रिका का प्रकाशन बंद नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि अगर किसी कार्यालय को कॉपी नहीं मिली है, तो उसे नोटिस देकर पूछना चाहिए था, बिना किसी नोटिस के कार्रवाई करना अनुचित है।

इसे भी पढ़िए :  नोटबंदी पर मोदी के सर्वे को मायावती ने बताया झूठा, बोलीं- लोकसभा में कराएं चुनाव सामने आ जाएगी हकीकत
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse