मशीनों से सिर्फ 100 रुपये के नोट ही निकल रहे हैं। ऐसे में ATM को दोबारा भरना भी एक बड़ी चुनौती है। पंजाब नैशनल बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ अनंतसुब्रमणियन ने कहा, ‘मशीनों को जल्दी दोबारा भरना एक बड़ी चुनौती है। लेकिन हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि हमारे ग्राहकों को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े।’ मरीजों की सुविधा के लिए बैंक ने दिल्ली, चेन्नै और मुंबई के कुछ अस्पतालों में ATM वैन भी खड़ी की हैं।
कैश लॉजिस्टिक्स असोसिएशन के मुखिया ऋतुराज सिन्हा ने कहा, ‘एटीएम में आमतौर पर एक दिन में 100-125 लेनदेन होते हैं। हमें नहीं पता कि अगर कल एक ATM पर 250 या 2050 ट्रांजेक्शन हों तो हम क्या करेंगे। हमें कुछ समझ में नहीं आ रहा।’ पहाड़ी इलाकों के दूर-दराज के इलाकों और नॉर्थईस्ट में हालात और ज्यादा मुश्किल हैं जहां बैंकों ने अतिरिक्त सप्लाई की मांग की है। इन इलाकों में बैंक शाखाओं और एटीएम में दोबारा कैश पहुंचाना और मुश्किल काम है।
देश के सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसी की शाखाएं 8 बजे तक खुली रहीं वहीं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर प्रशांत कुमार ने कहा कि हमारी कुछ शाखाएं 9 वबजे तक काम करती रहीं। कुमार ने कहा की एसबीआई की कैश डिपॉजिट मशीनें आधी रात तक ऑपरेटिंग रहेंगी ताकि जिन लोगों का बैंक खाता है वह वहां 50 हजार रुपये तक जमा करवा दें, इससे शाखाओं पर दबाव कम होगा।































































