नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने पहले परमाणु हमला नहीं करने की भारत की परमाणु नीति पर गुरुवार(10 नवंबर) को सवाल खड़ा कर विवाद पैदा कर दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि उनकी राय में भारत को पहले उपयोग नहीं करने की नीति से क्यों बंधे रहना चाहिए। हम यह क्यों नहीं कह सकते कि हम जिम्मेदार परमाणु ताकत हैं और हम इसका गैरजिम्मेदार तरीके से इस्तेमाल नहीं करेंगे।
पर्रिकर ने इस बात के संकेत दिए कि जरूरत पड़ने पर भारत पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि, पर्रिकर के इस बयान के तुरंत बाद रक्षा मंत्रालय ने उनकी बात से किनारा कर लिया। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पर्रिकर ने जो कहा वह उनका निजी विचार है और यह मंत्रालय का आधिकारिक रुख नहीं है।
पर्रिकर ने कहा कि कुछ लोग कह सकते हैं कि भारत की परमाणु नीति में बदलाव आ गया है, लेकिन किसी भी सरकार के दौरान इस नीति में बदलाव नहीं आया है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस दिन से सर्जिकल स्ट्राइक हुआ है, उसके बाद से पड़ोसी देश से परमाणु हमले की शिकायत मिलनी बंद हो गई है, लेकिन ऐसा पहले अक्सर होता था।
हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके इस बयान को इस संदर्भ में नहीं देखना चाहिए कि सरकार ने अपनी परमाणु नीति बदल दी है। उन्होंने कहा हो सकता है कि कुछ (चैनल) कल यह फ्लैश चलाने लगें कि परमाणु नीति बदल गई, लेकिन ऐसा नहीं है।