जो तेरा हाल है वही मेरा हाल, ऐसा ही कुछ कह रहे हैं एटीएम तक पैसा पहुंचाने वाले स्टाफ। पैसा निकालने वाले लोगों को एटीएम के बाहर लंबी कतारों में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है, वहीं एटीएम तक पैसा पहुंचाने वाले कर्मचारी अपने घर तक नहीं जा पा रहे। दरअसल देश भर के एटीएम के मुकाबले कैश लॉजिस्टिक के काम में लगे कर्मचारियों की संख्या बेहद कम है। यही कारण है कि पिछले तीन दिनों से ये कर्मचारी अपने घर तक नहीं गए हैं। लगातार दो शिफ्टों में काम करके देश के 2 लाख एटीएम तक कैश पहुंचा रहे हैं। ये कर्मचारी टेंट लगाकर रात भर कैश के पास ही सो रहे हैं। कैश को बक्सों में भरकर कैश वैन के जरिए एटीएम तक पहुंचा रहे हैं।
इनके लिए सबसे बड़ा चैलेंज था कि एक दिन के अंदर ही देश के सारे एटीएम से 500 और 1 हजार के नोट निकालकर वापस लाना और अगले दिन इन एटीएम में वापस पैसा डालना। कैश लॉजिस्टिक असोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और फिक्की की प्राइवेट सिक्यॉरिटी के को-चेयरमैन रितुराज सिन्हा के मुताबिक 40 हजार कर्मचारी 8800 कैश वैन के जरिए देश के दो लाख एटीएम तक पैसा पहुंचा रहे हैं। लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह आ रही है कि एटीएम में सिर्फ 100 के ही नोट डाले जा रहे हैं। पहले एटीएम में 1000, 500 और 100 के नोट डाले जाते थे। चूंकि सॉफ्टवेयर और एटीएम के कोड नहीं बदले गए हैं इसलिए 100 रुपये से ज्यादा के नोट नहीं डाले जा सकते।
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