मोइन कुरैशी मामले में अधिकारियों की चूक पर आव्रजन विभाग ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट

0
प्रतिकात्मक फोटो।

नई दिल्ली। विवादित मांस कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जारी लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) के बावजूद उन्हें देश से बाहर जाने देने में अपने अधिकारियों की चूक पर आव्रजन विभाग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी है।

धनशोधन मामले में जांच का सामना कर रहे कुरैशी पिछले सप्ताह के अंत में आयकर से जुड़े एक मामले में अदालत की ओर से दिया गया आदेश दिखाकर दुबई जाने में सफल रहा था। ईडी की ओर से जारी एलओसी के आधार पर आईजीआई हवाई अड्डे पर कुरैशी को रोक लिया गया था।

इसे भी पढ़िए :  '9/11 की तरह दिल्ली पर प्लेन से हमले की तैयारी में लश्कर'

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच में गृह मंत्रालय को बताया गया है कि आव्रजन अधिकारियों की ओर से अनजाने में गलती हुई थी और यह ‘‘किसी दुर्भावना से नहीं’’ हुई थी। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय रिपोर्ट की समीक्षा कर रहा है। रिपोर्ट के अध्ययन के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में घटना और कुरैशी की ओर से आव्रजन अधिकारियों को सौंपे गए दस्तावेजों का पूरा ब्योरा दिया गया है। कुरैशी को 15 अक्तूबर को हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद आव्रजन विभाग ने ईडी को इसके बारे में सूचित किया था।

इसे भी पढ़िए :  दिल्ली हाई कोर्ट की 50वीं सालगिरह पर जजों से बोले पीएम मोदी, थोड़ा तो मुस्कुराइये

इसके बाद कुरैशी ने अदालत का एक आदेश पेश किया जिसमें उनके विदेश जाने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई थी। आव्रजन अधिकारी ने आदेश की सत्यता की जांच की और उन्हें दुबई जाने दिया।

जब ईडी की टीम कुरैशी को हिरासत में लेने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंची तो उसे बताया गया कि उन्हें अदालत के आदेश के आधार पर जाने दिया गया। बाद में आव्रजन अधिकारियों को अहसास हुआ कि कुरैशी ने अदालत के जो दस्तावेज दिखाए थे, वे आयकर से जुड़े एक मामले के थे और ईडी वाले मामले से संबंधित नहीं थे। इसके बाद अधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दिए।

इसे भी पढ़िए :  आज 12 बजे से बंद होंगे 500 और 1000 के नोट, ATM से 1 दिन में निकलेंगे सिर्फ 2000

ईडी ने पिछले साल धनशोधन रोकथाम कानून के तहत कुरैशी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। कर चोरी और हवाला जैसे लेन-देन के आरोपों की वजह से वह जांच एजेंसियों की नजर में हैं।