गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में आरोपी रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी सहित अन्य को दोषमुक्त पाया था। अगर सुप्रीम कोर्ट फैसला बदलती है तो इन सभी नेताओं के खिलाफ पुराना मामला फिर से खोला जा सकता है। इससे पहले, अदालत ने मार्च 2015 में आरोपियों से जवाब तलब किया था।
CBI ने उच्च न्यायालय के 21 मई 2010 को सुनाए फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने नेताओं के खिलाफ आरोप हटाने के विशेष अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में सीबीआई की विशेष अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा था जिसमें आडवाणी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार और मुरली मनोहर जोशी के उच्च्पर लगे षड़यंत्र रचने के आरोपों को हटा दिया गया था।