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बेनामी लेनदेन कानून के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को किसी दूसरे के खाते में यह सोचकर जमा किया है कि खाताधारक उसे नई करंसी में पैसा लैटा देगा तो यह बेनामी लेनदेन माना जाएगा। जिस व्यक्ति ने बैंक खाते में पुरानी करंसी जमा किया है उसे बेनिफिशल ओनर माना जाएगा और जिस शख्स के खाते में करंसी जमा हुई है उसे इस कानून के तहत बेनामीदार कहा गया है। नए कानून में यह भी व्यवस्था है कि बेनामी लेनदेन में शामिल या इसके लिए प्रेरित करने वाला बेनामीदार, बेनिफिशल ओनर या कोई भी दूसरा शख्स 1 से 7 साल के सश्रम कारवास का भागी होगा। आयकर अधिकारियों ने बताया कि नोटबंदी के बाद बैंक खातों में जमा बेनामी अमाउंट को सीज किया जाएगा और दोषियों पर जुर्माना भी लगेगा।
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