हड़ताल का कई सेवाओं पर दिखा असर, लेफ्ट शासित राज्य रहे ज्यादा प्रभावित

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राष्ट्रव्यापी हड़ताल

देश के 10 प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा शुक्रवार (2 सितंबर) को आहूत एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से बैंकिंग और परिवहन जैसी आवश्यक सेवाएं प्रभावित हुई हैं। गौरतलब है कि श्रमिक संगठनों ने सरकार द्वारा श्रम कानूनों में ‘श्रमिक विरोधी’ बदलावों और बेहतर मजदूरी की उनकी मांग पर ‘उदासीनता’ के चलते इस हड़ताल का आह्वान किया है। सीटू के महासचिव तपन कुमार सेन नेकहा, ‘हड़ताल शुरू हो गई है। हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है। इस बारे में अधिक जानकारी थोड़ी देर में आने लगेगी। भेल के तिरुचिरापल्ली संयंत्र में सुबह की पाली में करीब 90 प्रतिशत श्रमिक काम पर नहीं आए।’ मजदूर नेता ने कहा, ‘विशाखापत्तनम का इस्पात संयंत्र 100 प्रतिशत बंद है। कुछ स्थानों पर ‘रेल रोको’ अभियान भी चलाया गया है। यह एक सफल हड़ताल होगी क्योंकि 15 करोड़ श्रमिक सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने उतरेंगे।’

डी एल सचदेव ने कहा, ‘पंजाब रोडवेज और हरियाणा रोडवेज की बसें सड़कों से गायब रहीं। उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन की आधे से ज्यादा बसें भी नहीं चली। लेकिन डीटीसी की बसें और दिल्ली मेट्रो आम दिनों की तरह चली। वाम शासित केरल में हड़ताल का पूरा असर रहा। मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने स्वयं इसका समर्थन किया। फेसबुक पर हड़ताल का समर्थन करने को लेकर वह विवादों में भी आएं और भाजपा ने उनकी आलोचना की। केरल से मिले समाचार के अनुसार राज्य में सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहे और दुकानें तथा व्यापार प्रतिष्ठानें बंद रहीं। पूरे राज्य में ऑटो रिक्शा, टैक्सी, केरल राज्य सड़क परिवहन निगम तथा निजी बसें सड़कों पर नहीं उतरी।

राज्य की राजधानी तिरूवनंतपुरम में प्रमुख सड़कें विरान रही। वहां विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) समेत इसरो के सैकड़ों कर्मचारी अपने दफ्तर नहीं पहुंच सके। प्रदर्शनकारियों ने इसरो कार्यालय को जाने वाली सड़कों पर कब्जा जमाए रखा था। तेलंगाना में बैंकिंग गतिविधियां पूरी तरह से थम गयी। विभिन्न बैंकों के 15,000 से अधिक कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। एआईबीईए के संयुक्त सचिव बी एस रामबाबू ने कहा कि अन्य ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए गए। तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन संगठन की बसें सड़कों पर नहीं उतरी।’ तेलंगाना राजपत्रित अधिकारी संघ के महासचिव ए सत्यनारायण ने कहा कि राज्य सरकार के दो लाख (राजपत्रित, गैर-राजपत्रित तथा चतुर्थ श्रेणी) लाख कर्मचारियों ने हड़ताल का समर्थन किया।

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विशाखापत्तनम स्टील संयंत्र, भारत हैवी प्लेट एंड वेसेल्स लि., हिंदुस्तान शिपयार्ड, एनटीपीसी की सिमहाद्री पावर प्लांट, विशाखापत्तनम पोर्ट ट्रस्ट समेत सार्वजनिक उपक्रमों तथा विशाखापत्तनम में निजी औद्योगिक इकाइयों के कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। विशाखापत्तनम में 100 प्रदर्शनकारियों को एहतियातन हिरासत में लिया गया। आंध्र प्रदेश में हड़ताल का मिला-जुला असर रहा। राज्य में बैंकों में कामकाज प्रभावित रहा। बैंक कर्मचारी जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानों वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। हरियाणा, पंजाब और केंद्र शासित चंडीगढ़ में भी बैंक, सड़क परिवहन एवं अन्य सेवाएं प्रभावित हुई। पंजाब और हरियाणा में रोडवेज के कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

ओड़िशा के भी अधिकतर भागों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। पुलिस के अनुसार आंदोलनकारियों द्वारा ‘रेल रोको’ अभियान से ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुई। पुलिस के अनुसार बसें, ट्रक, आटो-रिक्शा तथा अन्य वाहनें सड़कों से नदारद रहीं। कई जगहों पर सड़क जाम किए गए। पटना से मिली खबर के मुताबिक बिहार में भी हड़ताल से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। ऑटोरिक्शा और अन्य निजी वाहन सड़कों से नदारद रहे जबकि बैंक भी बंद रहे। बिहार में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था प्रभावित रहने के चलते यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में बहुत समय लगा। स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम रही और सरकारी एवं निजी क्षेत्र दोनों के कर्मचारियों को दफ्तर पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

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जिलों से मिली खबरों के अनुसार प्रदर्शनकारियों द्वारा बेगुसराय और जहानाबाद इत्यादि स्थानों पर रेल सेवा बाधित की गई। इसके अलावा बैंकिंग सेवाएं भी बाधित रहीं। बैंक इंप्लॉयज फेडरेशन के अध्यक्ष बी प्रसाद ने एक बयान में कहा कि बैंक कर्मचारियों ने राज्य के विभिन्न भागों में रैली की। नाबार्ड, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा सहकारी बैंक बंद रहे। पश्चिम बंगाल से मिली खबरों के अनुसार राज्य में हड़ताल का असर ज्यादा नहीं रहा। राज्य में सुबह परिवहन सेवाएं सामान्य दिखीं। अधिकारियों ने बताया कि सरकारी बसें और निजी वाहन रोज की तरह सड़कों पर चल रहे थे।

सियालदाह और हावड़ा खंड पर रेलगाड़ियों और कोलकाता मेट्रो की सेवाएं भी सामान्य रहीं, लेकिन रोज के मुकाबले आज भीड़भाड़ कम थी। कोलकाता में जबरन हड़ताल करवाने का प्रयास करते हुए सात लोगों को हिरासत में लिया गया है। सीटू के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल की वामपंथी यूनियनों ने दावा किया है कि राज्य में हड़ताल शांतिपूर्ण है और आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस कुछ जगहों पर हिंसा भड़काने में लगी है। कर्नाटक में हड़ताल का मिला-जुला असर देखने को मिला। सरकारी बसें सड़कों से गायब थी जिससे दफ्तर जाने वालों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। दुकानों, बाजार और होटलों में कामकाज आम दिनों की तरह रहा।

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कुछ ऑटो और कैग यूनियनों ने बंद का समर्थन किया था लेकिन बेंगलुरू में इन वाहनों को सड़कों पर चलते देखा गया। मेट्रो संवाए भी सामान्य रही। तमिलनाडु से मिली रपटों के अनुसार राष्ट्रव्यापी श्रमिकों की हड़ताल का राज्य में कोई खास असर नहीं दिखा। राज्य में परिवहन सेवाएं और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान सामान्य रूप से चल रहे थे। शैक्षणिक संस्थानों में कामकाज सामान्य दिखा। सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक से सम्बद्ध श्रमिक संगठन हड़ताल के समर्थन में नहीं थे। केंद्र सरकार के कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या कम दिखी। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के साथ राज्य सरकार के कुछ कर्मचारियों ने भी हड़ताल का समर्थन किया। निजी बसें सड़कों से नदारद थी।

पुडुचेरी से मिली खबरों के मुताबिक वहां पर हड़ताल का रुख मिलाजुला रहा। निजी बसें, ऑटो और अन्य वाहन सड़कों से नदारद रहे जबकि सरकारी बसें सामान्य तौर पर चलती रहीं। दुकानें और प्रतिष्ठानों ने भी बंद का समर्थन किया जबकि सिनेमाघरों ने दिन के शो रद्द कर दिए। पुलिस सूत्रों ने बताया विभिन्न श्रमिक संगठनों के 1,200 के करीब कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। इस बीच मध्यप्रदेश से मिली खबर के अनुसार राज्य में करीब 5,800 बैंक शाखाओं के काम -काज पर हड़ताल का असर पड़ा है। मुंबई में सार्वजनिक परिवहन सामान्य रहा। हालांकि महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में हड़ताल का कुछ असर देखने को मिला।