हाल ही में पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी द्वारा लिखी गई किताब I Am A Troll में दावा किया गया था कि बीजेपी (BJP) के आईटी सेल के हेड ने एक्टर आमिर खान को स्नैपडील के ब्रैंड एम्बैसडर से हटाने के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ी थी। अब इस किताब से कई और खुलासे हुए हैं। इस किताब में BJP की सोशल मीडिया यूनिट में कार्यकर्ता रही साध्वी खोसला के हवाले से कहा गया कि वॉलंटियर्स और कर्मचारियों को बीजेपी की आईटी सेल ने मुख्यधारा के पत्रकारों की एक हिटलिस्ट दी थी, जिन पर लगातार सोशल मीडिया पर हमला करना था। उन्होंने दावा किया कि इसका मकसद गांधी परिवार का पर्दाफाश करना और उन्हें ट्रोल कराना था। किताब में कहा गया कि अगर कहीं भी मोदीजी के बारे में कोई अवांछित जिक्र होता है तो बीजेपी की डिजिटल ट्रैकिंग टूल्स की मदद से उसे सुधारा जाता है।
किताब में इस बात का भी दावा किया गया कि बीजेपी ने विपक्षी राजनेताओं, गांधी परिवार, पत्रकार और फिल्मकारों को ट्विटर या सोशल मीडिया पर ट्रोल कराने के लिए एक अलग से टीम बनाई हुई है। इस किताब में बीजेपी के नैशनल डिजिटल ऑपरेशंस सेंटर (एनडीओसी) के हेड अरविंद गुप्ता को खास तौर पर निशाने पर रखा गया है।
इस बारे में अरविंद गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने इन आरोपों को बकवास बताया। उन्होंने दावा कि खोसला ने कभी हमारे साथ काम नहीं किया, लेकिन वह उनसे एक शादी में मिले थे और वहां उसने एक प्रोजेक्ट मांगा था जो उन्हें नहीं मिला।
डेक्कन क्रॉनिकल में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया कि इस किताब में लोकसभा चुनावों के समय की खोसला की चंडीगढ़ से बीजेपी उम्मीदवार किरण खेर के साथ उन्हीं के घर चाय पर चर्चा के दौरान एक तस्वीर भी छापी गई है। वहीं गुप्ता ने कहा कि खोसला पंजाब में कांग्रेस के साथ काम करती हैं।
किताब में इस बात का दावा भी किया गया कि कुछ एजेंसियों को विपक्ष के खिलाफ ट्रेंड चलाने के लिए पैसे भी दिए जाते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 7 ट्वीट करने के 40 रुपये एजेंसियों को दिए जाते हैं।