“किसान भव्य शादियों के लिए लोन लेते हैं, नोटबंदी ने ऐसी फिजूलखर्ची बंद की”

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विरेंद्र सिंह ने आगे कहा, “किसान लोन लेकर भव्य शादियों का आयोजन करते हैं। दावत में आखिर खर्च आता ही कितना है? ज्यादातर पैसा दिखावे, पटाखों और शराब में खर्च होता है। अब इसपर कंट्रोल हुआ है। पहले लोग थोड़ी सी दूर जाने के लिए भी बाइक का सहारा लेते थे। लेकिन नोटबंदी के बाद यह सब बदल गया है। अब लोग पैदल चलने की आदत डालने लगे हैं।”

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आपको बता दें इससे पहले भी दिल्ली में हुए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान वीरेंद्र ने ये सब बातें कही थी। उन्होने कहा था कि नोटबंदी की वजह से बीजेपी ने उन लोगों को नुकसान हुआ है जो अपनी बड़ी-बड़ी गाड़ियों पर बीजेपी का झंडा लगाकर घूमते हैं। विरेंद्र सिंह ने आगे कहा था कि ऐसे लोगों ने सरकारी खजाने को लूटा है।

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