जम्मू-कश्मीर में तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक जवान तेज बहादुर यादव ने हाल ही में एक वीडियो जारी कर अधिराकियों पर घोटाले का आरोप लगाया है। वीडियो में जवान का आरोप है कि सैनिकों को बर्बरता का सामना करना पड़ता है क्योंकि उन्हें खराब गुणवत्ता का भोजन दिया जाता है और ड्यूटी पर कई बार तो भूखे भी रहना पड़ता है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद सारे में हलचल मच गई है। इस मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उचित कार्रवाई का आदेश दिया है।
इस पर बीएसएफ ने जवान के दागी इतिहास का हवाला देते हुए उसके आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि जवान के बयान बेबुनियाद हैं। जवान काफी समय से परेशान चल रहा था। बीएसएफ के आईजी डीके उपाध्याय ने भी आज बयान दिया कि उसके व्यवहार के चलते 2010 में उसका कोर्ट मार्शल होना था लेकिन उसके परिवार को देखते हुए ये निर्णय वापस लिया गया। साथ ही कहा कि ड्यूटी के दौरान जवानों को मोबाइल फोन इस्तेमाल करना मना है तेज बहादुर ने ऐसा कैसे किया इसकी भी जांच होगी। आईजी ने ये भी कहा कि मुझे अच्छा लगता अगर वह फेसबुक पर विडियो पोस्ट करने के बजाय हमसे शिकायत करता। आगे उन्होंने कहा कि हमने जब भी खाने के बारे में फीडबैक लिया जवानों की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है।
बीएसएफ के डीआईजी एमडीएस मान ने कहा कि जवान की 20 साल की सर्विस में चार बार बैड एंट्रीज हैं। इस वजह से उसे प्रमोशन नहीं मिला। मान के मुताबिक, शायद हताशा में उसने यह कदम उठाया हो।
वहीं दूसरी और जवान ने अपने ऊपर पूर्व में ऐक्शन लिए जाने की बात कबूलते हुए कहा है कि उसके आरोपों की भी जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही जवान ने यह भी कहा है कि अगर उसके इस कदम से उसके साथियों का भला होता है तो अपने साथ होने वाले किसी भी बुरी चीज का सामना करने के लिए वह तैयार है।