7वां वेतन आयोग: मोदी सरकार ने भत्तों पर सिफारिशें मानीं, जानिए किसे होगा कितना फायदा

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वेतन आयोग
फाइल फोटो

देश के करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार ने तोहफा दिया है। कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की एचआरए और दूसरे भत्तों में बदलाव को मंजूरी दे दी है। सातवें वेतन आयोग से जुड़े अलाउंस के मुद्दे पर कर्मचारियों को इस फैसले का लंबे अर्से से इंतजार था।

मोदी सरकार जुलाई से इन संशोधित भत्तों को लागू करने के लिए तैयार है। HRA और अन्य भत्तों पर सिफारिशों को मान लिया गया है। तीन देशों की यात्रा से लौटे पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने ये फैसला लिया है। इससे 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। बैठक आज सुबह होनी थी लेकिन पीएम मोदी के विदेश दौरे के कारण बैठक का आयोजन शाम 5 बजे के लिए तय किया गया।

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सातवें वेतन आयोग ने एचआरए में 138.71 फीसदी इजाफा किया है और अन्य भत्ते में 49.79 फीसदी की इजाफा करने का प्रस्ताव दिया है। केंद्र सरकार ने 2016 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दी थी। आयोगी की रिपोर्ट 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थी। भत्तों के साथ कई मुद्दों पर असहमति होने की वजह से अब तक यह सिफारिशें पूरी तरह से लागू नहीं हो पाईं थी। वित्त मंत्री के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों का कम से कम एचआरए 5400 रुपये, 3600 रुपये और 1800 रुपये होगा। 50 फीसदी भत्तों पर एचआरए 30 फीसदी, 20 फीसदी और 10 फीसदी होगा. भत्तों को मंजूरी मिलने के बाद अब कर्मचारियों को एरियर समेत सैलरी दे जाएगी।

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इसके अलावा केंद्र सरकार ने एअर इंडिया के विनिवेश को भी मंजूरी दे दी है। एअर इंडिया के ऊपर 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। इसका मुख्य कारण उच्च रखरखाव लागत और पट्टा किराया है। वित्त वर्ष 2015-16 को छोड़कर कंपनी को शायद ही कभी मुनाफा हुआ। वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ही एयर इंडिया के निजीकरण की वकालत कर चुके हैं। उन्होंने सवाल किया था कि एयरलाइंस की बाजार हिस्सेदारी मात्र 14 फीसदी है, ऐसे में करदाताओं के 55,000 से 60,000 करोड़ रुपये का उपयोग कितना जायज है।

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जेटली ने कहा, ‘सैद्धांतिक रूप से एयर इंडिया के विनिवेश की मंजूरी दे दी गई है। विनिवेश प्रक्रिया के तौर-तरीके तय करने के लिए वित्तमंत्री की अध्यक्षता में एक समूह गठित करने के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रस्ताव को भी स्वीकार लिया गया है।’