और आइए आप को बताते हैं कि नोटबंदी पर आर्थिक मामलों से जुड़ी संस्थाओं का क्या कहना है
इडेलवीस ने क्या कहा?
मुंबई बेस्ड ब्रोकरेज फर्म इडेलवीस का कहना है कि पीएम मोदी के कर चोरी और काले धन पर प्रहार से भारतीय अर्थव्यवस्था में 45 बिलियन डॉलर यानि तीन ट्रिलियन रुपए का वापस आ जाएंगे जो अब तक काले धन के रूप में धन कुबेरों के पास जमा थे। इडेलवीस का कहना है कि काले धन से मिलने वाली ये रकम आइसलैंड की अर्थव्यवस्था की तिगुनी है।इडेलवीस का कहना है कि सरकार इन पैसों का उपयोग राजकोषीय घाटे को पूरा करने में कर सकती है। सरकार इस रकम का उपयोग आर्थिक सुधारों के लिए कर सकती है। या केंद्रीय बैंक अपनी देनदारी चुका सकता है।
आइसीआइसीआई सेक्युरिटीज ने क्या कहा ?
आइसीआइसीआई सेक्युरिटीज प्राइमरी के आंकड़ों के मुताबिक नोट बैन से काले धन के रुप में छिपा हुआ 4.6 ट्रिलियन रुपए वैधानिक तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था में जुड़ जाएंगे।
एक तिहाई काला धन होगा बेनामी
आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से काले धन के रूप में चल रहे 17.6 त्रिलियन रुपए का 86 प्रतिशत हिस्सा भारतीय अर्थव्यवस्था में कानूनी तौर पर वापस आ जाएगा। जानकारों का कहना है कि इसमें से करीब एक तिहाई काला धन होगा या बेनामी होगा।
इन पैसों को मोदी सरकार कहां कर सकती है खर्च
जानकारों का कहना है कि केंद्र सरकार ने 2017 के लिए 5.3 ट्रिलियन रुपए के बजट घाटे का अनुमान लगाया है। वापस मिले पैसों से सरकार बजट घाटे के आधे हिस्से को खत्म कर सकती है। सरकार के सामने ऊर्जा और सुरक्षा क्षेत्र में ज्यादा खर्च करने का विकल्प होगा। इसके अलावा सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास पर खर्च कर सकती है। क्रिसिल से जुड़े हुए एक जानकार का कहना है कि सरकार के पास निवेश करने के बेहतर मौके होंगे। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का दीर्घकालिक असर दिखेगा।
एस एंड पी के मुताबिक छोटी अवधि में जीडीपी पर नकारात्मक असर बाजार में कैश की कमी से हो सकता है। लेकिन दीर्घ अवधि में ये भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर होगा। जानकारों का कहना है कि लोगों के पास कैस की कम मात्रा उपलब्ध होने की वजह से महंगाई पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।