सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के एक बयान के लिए उनको कड़ी नसीहत दी थी। राहुल ने कथित तौर पर राष्ट्रीय स्वरयंसेवक संघ को गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गोडसे ने गांधी को मारा और आरएसएस के लोगों ने गांधी को मारा, इसमें फर्क है। कोर्ट ने राहुल से कहा था कि जब वे किसी व्यक्ति विशेष के बारे में बोलें तो सतर्क रहें। उधर, एक मीडिया रिपोर्ट में पुलिस के पुराने दस्ता्वेज के हवाले से दावा किया गया है कि आरएसएस ने गांधी को जान की धमकी दी थी।
कैच न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, ये खुफिया रिपोर्ट दिल्ली पुलिस की क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) की है, जो गांधी की हत्याा से कई महीने पहले की है। पुलिस रिपोर्ट में आरएसएस की उस मीटिंग की जानकारी दर्ज है, जहां यह धमकी दी गई। सीआईडी की यह रिपोर्ट सूत्रों के आधार पर है। सीआईडी ने इस दस्ता वेज में सूत्र को ‘सेवक’ कहा है। इसे डिपार्टमेंट के इंस्पेंक्टर करतार सिंह ने दाखिल किया है। सीआईडी रिपोर्ट में लिखा है, ‘8-12-1947 को संघ के 2500 वॉलंटियर्स रोहतक रोड पर आयोजित अपने कैंप में इकट्ठे हुए। कुछ देर के प्रशिक्षण के बाद एमएस गोलवलकर ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। उन्होंने संघ के सिद्धांतों के बारे में बताया और कहा कि यह हर शख्स का कर्तव्य है कि वो आने वाली दिक्कतों का पूरी ताकत से सामना करे। जल्दा ही उनके सामने पूरी योजना रखी जाएगी। खेलने-कूदने के दिन गए।…’
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘गोलवलकर ने कहा कि हमें शिवाजी के तौर तरीकों की तरह ही गुरिल्लाा युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। संघ तब तक आराम नहीं करेगा, जब तक पाकिस्तान का नामोनिशान न मिट जाए। अगर कोई हमारे रास्ते में आएगा तो हमें उसे खत्म करना होगा। चाहे वो नेहरू सरकार हो या कोई और सरकार।’ मुसलमानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘धरती की कोई ताकत मुसलमानों को हिंदुस्तान में नहीं रख सकती। उन्हें देश छोड़ना ही होगा। महात्मान गांधी मुसलमानों को देश में रखना चाहते हैं ताकि चुनाव के वक्त कांग्रेस को उनके वोटों का फायदा मिल सके। लेकिन तब तक एक भी मुसलमान देश में नहीं बचेगा। अगर उन्हें यहां रहने दिया गया तो जिम्मेदारी सरकारों की होगी। हिंदू समुदाय इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा।’ आगे लिखा है, ‘महात्मा गांधी उन्हें काफी देर तक दिग्भ्रंमित नहीं कर सकते। हमारे पास वो तरीके हैं, जिससे इस तरह के लोगों को तुरंत खामोश किया जा सकता है, लेकिन यह हमारी परंपरा रही है कि हम हिंदुओं को नुकसान नहीं पहुंचाते। अगर मजबूर किया गया तो हमें वैसा कदम उठाना पड़ेगा।’ कैच न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सीआईडी रिपोर्ट से इस बात के भी संकेत मिलते हैं कि पुलिस को शक था कि आरएसएस हथियार जुटाने की कोशिश कर रहा है।