दक्षिण अफ्रीका में नागरिक अधिकारी आंदोलन
एक बार दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी को भेदभाव का सामना करना पड़ा। दरअसल, उन्हें प्रथम श्रेणी कोच की वैध टिकट होने के बावजूद तीसरी श्रेणी के डिब्बे में जाने से इन्कार करने पर उन्हें ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया। इतना ही नहीं पायदान पर शेष यात्रा करते हुए एक यूरोपियन यात्री के अन्दर आने पर चालक की मार भी झेलनी पड़ी। उन्होंने अपनी इस यात्रा में अन्य भी कई कठिनाइयों का सामना किया। अफ्रीका में कई होटलों को उनके लिए वर्जित कर दिया गया।
इसी तरह ही बहुत सी घटनाओं में से एक यह भी थी जिसमें अदालत के न्यायाधीश ने उन्हें अपनी पगड़ी उतारने का आदेश दिया था जिसे उन्होंने नहीं माना। ये सारी घटनाएं गांधी जी के जीवन में एक मोड़ बन गई और विद्यमान सामाजिक अन्याय के प्रति जागरुकता का कारण बनीं तथा सामाजिक सक्रियता की व्याख्या करने में मददगार सिद्ध हुई।