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दिल्ली-नोएडा के बीच यमुना पर बना डीएनडी फ्लाईओवर, जिसे लेकर अक्सर इस तरह की मांग उठती रहती है। लेकिन सरकार के लिए ऐसा करना संभव नहीं है क्योंकि किसी सड़क परियोजना पर टोल की वसूली उसकी लागत पर नहीं बल्कि कंसेशन एग्रीमेंट में तय हुई अवधि के आधार पर निर्भर करती है। यदि किसी परियोजना की कंसेशन अवधि 20 वर्ष है तो भले ही उसकी लागत 15 साल में वसूली जा चुकी हो, कंसेशनेयर यानी निर्माण करने वाली कंपनी को पूरे 20 वर्ष तक टोल वसूली का अधिकार होता है। कंसेशन की अवधि परियोजना की लागत के अलावा उससे कंसेशनेयर को प्राप्त होने वाले मुनाफे के मुताबिक तय की जाती है।
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