नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि सरकार एक भारतीय संकेत भाषा एवं प्रशिक्षण केंद्र और साथ ही पुनर्वास एवं विकलांगता अध्ययन के लिए एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की योजना बना रही है।
सामाजिक न्याय मंत्री गहलोत ने स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में पुनर्वास अंतरराष्ट्रीय विश्व कांग्रेस में बोलते हुए कहा कि ‘‘हमारा मानना है कि हमारी नीतियां एवं कार्यक्रम अग्रसक्रिय हों ताकि विकलांगता से ग्रस्त लोग वित्तीय, शैक्षिक एवं कौशल आधारित सहयोग के साथ मुख्यधारा में शामिल हो सकें।’’
सामाजिक न्याय मंत्रालय के एक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि ‘‘विकलांगता से ग्रस्त लोगों की जरूरतों एवं विकास के लिए सरकार एक भारतीय संकेत भाषा एवं प्रशिक्षण केंद्र और साथ ही पुनर्वास एवं विकलांगता अध्ययन के लिए एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना कर रही है।’’
केंद्रीय मंत्री ने सरकार के ‘विकलांगता से ग्रस्त लोगों’ को ‘दिव्यांगजन’ नाम देने की बात रेखांकित करते हुए कहा कि ‘‘विकलांगता से ग्रस्त लोगों की उनकी पूर्ण क्षमता का इस्तेमाल करने में मदद करने और गौरव, स्वतंत्रता एवं संतुष्टि से भरा जीवन जीने के लायक बनाना हमारा उद्देश्य है।’
गहलोत ने कहा कि ‘‘भारत हरसंभव तरीके से दिव्यांगजनों के लिए एक अनुकूल माहौल के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध बना रहेगा। इस मंच से मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपने देश का मजबूत संदेश देना चाहता हूं।’’