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याचिका में शर्मा ने 2017-18 के बजट को 1 फरवरी को पेश करने के फैसले को गलत बताया है। उन्होंने अदालत से मांग की है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की वोटिंग पूरी होने तक सरकार को बजट पेश करने से रोका जाए। आमतौर पर बजट फरवरी महीने के आखिर में पेश होता आया है।
वहीं केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि बजट में पारित किए गए नए नियमों, नीतियों और स्कीमों को नोटिफाई करने में काफी वक्त लगता है। बजट फरवरी के अंत में पेश होने की वजह से नोटिफिकेशन 1 अप्रैल तक अक्सर नहीं हो पाता इसलिए बजट को 1 फरवरी को पेश करने का फैसला लिया गया है।
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